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दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में अवैध कॉलोनी का बदस्तूर निर्माण हो रहा, नगर निगम के भवन अधिकारी नोटिस से चला रहे हैं काम,पढ़ें ख़बर

दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में अवैध कॉलोनी का बदस्तूर निर्माण हो रहा, नगर निगम के भवन अधिकारी नोटिस से चला रहे हैं काम।

दुर्ग- दुर्ग शहर नगर निगम क्षेत्र में अवैध कॉलोनी की संख्या देखी जाए तो लगातार बढ़ती ही जा रही है वही ऐसे अवैध कॉलोनीयों पर भवन निर्माण की अनुमति नियमतः शासन द्वारा प्रदान नहीं की जाती परंतु बावजूद इसके बिना भवन अनुज्ञा अनुमति के नगरी निकाय क्षेत्र में भवनो का निर्माण लगातार जारी है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम के जिम्मेदार भवन अधिकारी दीवान एवं मांझी को इस बात की जानकारी नहीं है कागजी लीपा पोती में भवन अधिकारियों द्वारा लगातार ऐसे बिना अनुज्ञप्ति अनुमति के बन रहे भवनों पर नोटिस तो जारी कर दी जाती है किंतु नोटिस पर कार्यवाही के नाम पर भवन विभाग की टालम टोल नीति इस कदर बढ़ जाती है कि भवन निर्माण के प्रारम्भिक अवस्था में दिए गए नोटिस और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की बात का औचित्य लगभग शून्य हो जाता है और भवन बन जाता है।

अगर नगर पालिक निगम के भवन विभाग द्वारा दिए गए प्रशासनिक अधिकार के तहत सख्ती बरती जाती तो नगरीय निकाय क्षेत्र में बिना अनुमति के बन रहे भवनों पर अंकुश लगता साथ ही नगर निगम को राजस्व की प्राप्ति भी होती परंतु दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में ऐसा कहीं भी देखने को नहीं मिलता.

हाल ही में एक मामला देखने को आया जब नगर निगम क्षेत्र में चर्च के सामने एक नवनिर्मित दुकान निर्धारित स्थान से कहीं ज्यादा निर्मित हो रही थी जिस पर नगर निगम के भवन शाखा ने संज्ञान तो लिया परंतु सिर्फ नोटिस का खेल ही चला रहा और धीरे-धीरे भवन काफी कुछ बन गया नोटिस की मियाद पूरी होने के बावजूद भी नगर पालिका निगम के भवन विभाग के सम्बंधित अधिकारी विनोद मांझी द्वारा इस पर सख्ती नहीं बरती गई .जैसा कि पिछले दिनों देखने को मिला कि किस तरह हिंदी भवन के बगल में जैन धर्मशाला के पास एक दो मंजिला भवन तैयार भी हो गया परंतु नगर पालिक निगम द्वारा सिर्फ नोटिस का खेल ही खेला जाता रहा और आखिरकार तैयार भवन पर कार्यवाही के लिए अब नगर पालिका निगम के भवन शाखा को भी पसीने छूट रहे हैं या यह कह सकते हैं कि मामला फाइलों में दब गया दुर्ग शहर में लगभग सभी को मालूम है कि धमधा नाका के पास स्थित मनोज राजपूत द्वारा अवैध कॉलोनी का संचालन किया जा रहा है एवं एक बाउंड्री वाल बनाकर लगातार नगर निगम से बिना अनुमति के कई भवन निर्माणधीन है बावजूद इसके भी भवन शाखा के द्वारा ना तो किसी तरह की कार्रवाई की जा रही है और ना ही कोई ऐसी कोई पहल की जा रही है ताकि आम जनता को यह संदेश जाए कि बिना अनुमति के भवन बनाने से उन्हें आर्थिक एवं कानूनन नुकसान का सामना करना पड़ेगा परंतु इसे नगर पालिका निगम के भवन शाखा और उनके अधिकारियों की लापरवाही और निष्क्रियता ही कहा जाए की शहर में बिना अनुमति के भवनों का निर्माण बदस्तूर जारी है और भवन शाखा के अधिकारी दीवान एवं मांझी सिर्फ कागजी कार्यवाही कर मौन बैठे हुए हैं .

ऐसे कई मामले हैं जिन पर अगर बारीकी से जांच की जाए तो नगर निगम विभाग द्वारा कई अवैध निर्माण पर अपने कलम बचाने के लिए नोटिस की कार्यवाही तो कर दी जाती है परंतु यह कार्रवाई सिर्फ कागजो तक ही सीमित रहती है वही ऐसी भी चर्चा है कि कागजो तक सीमित रहने के लिए परदे के पीछे भी काफी खेल होता है शहर में हो रही इस तरह की अनियमितता के बारे में किसी भी तरह की कार्रवाई का ना होना कहीं ना कहीं नगर निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर की निष्क्रियता को भी दर्शाता है नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा पिछले चुनाव में जोरो पर था और जनता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया अब देखना यह है कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा अवैध कॉलोनी का निर्माण करने वाले व्यक्तियों पर किस तरह की सख्त कार्रवाई करता है और नोटिस का खेल कर अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन न कर अपरोक्ष रूप से शहर को बदसूरत बनाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करती है।

अभी हाल ही में प्रदेश के नए राजस्व मंत्री वर्मा ने अवैध कॉलोनी के निर्माण पर सख्ती बरतने का दिया है जिस बैठक में प्रदेश के सभी निगम के जिम्मेदार अधिकारियो ने हिस्सा भी लिया था . अब देखना यह है कि प्रदेश के नए राजस्व मंत्री की बातों का कितना असर नगर निगम आयुक्त पर पड़ता है और जिम्मेदार अधिकारियों एवं अवैध बिल्डर्स पर किस तरह की कार्रवाई प्रशासन करती है?

 

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लोकेश्वर सिंह ठाकुर (प्रधान संपादक) मोबाइल- 9893291742 ईमेल- anantcgtimes@gmail.com वार्ड नंबर-5, राजपूत मोहल्ला, ननकटठी, जिला-दुर्ग

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