छत्तीसगढ

HC ने रद्द की बेटी से रेप मामले में बेनुगाह पिता की सजा

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Jabalpur News: उज्जवल प्रदेश, जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने भोपाल सेशन कोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत एक पिता को बेटी के रेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. पिता की ओर से दायर अपील पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि, यह दुर्भाग्य है कि बेनुगाह पिता को 12 वर्ष जेल में सजा भोगनी पड़ी.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष योग्यता के आधार पर अपना मामला स्थापित करने में पूरी तरह विफल रहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने खुद अपने बयान में कहा है कि उसके पिता ने उसे प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था और जमकर डांट लगाई थी. इसलिए उसने प्रेमी के साथ मिलकर पिता के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया था.

बेटी ने दर्ज कराई थी एफआईआर – Jabalpur News

अपीलार्थी के अधिवक्ता विवेक अग्रवाल के अनुसार भोपाल के छोला मंदिर पुलिस थाने में 21 मार्च 2012 को पीड़िता ने अपने नाना के साथ जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 18 मार्च 2012 को उसके पिता ने उसके साथ रेप किया. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद चालान पेश किया और सेशन कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके बाद पिता ने साल 2013 में सजा के खिलाफ अपील की.

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अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता विवेक अग्रवाल ने दलील दी कि पीड़िता ने कई बार अपने बयान बदले हैं. एमएलसी रिपोर्ट में भी जबरन ज्यादती की बात सामने नहीं आई. इसके अलावा पीड़िता ने खुद अपने बयान में कहा कि उसके पिता ने उसे प्रेमी के साथ देखा था और धमकी दी थी. इसलिए उसने रिपोर्ट दर्ज कराई. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपील स्वीकार कर भोपाल सेशन कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया.

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