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CG विधानसभा: छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू… 1 साल में नहीं सिर्फ 6 महीने में ही शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया होगी पूरी… छत्तीसगढ़ी भाषा में MA वालों को भी टीचर बनाएगी सरकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र लगातार जारी है। आज सदन में शिक्षकों का मुद्दा गूंजा। रिकेश सेन के स्थान पर अनुज शर्मा ने प्रभारी प्रचार्यों के भरोसे स्कूल संचालित होने और शिक्षकों का प्रमोशन नहीं होने का मुद्दा उठाया। जवाब में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बजट भाषण में उन्होंने कहा है कि 1 साल के भीतर प्रमोशन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी। मंत्री के जवाब पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि आप सक्षम मंत्री हैं, ऐसे में एक साल का समय क्यों ले रहे हैं, छह महीने के भीतर प्रमोशन की प्रक्रिया पूर्ण कराये।

विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आपका आदेश सर्वोपरी है, आपके आदेश के अनुरूप छह महीने के भीतर प्रमोशन की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रमोश की प्रक्रिया को बाधित करके रखा गया था। प्रदेश में अभी भी ढाई लाख शिक्षक हैं, जिनका प्रमोशन अभी ड्यू है। वहीं जहां तक प्रभार का सवाल है, तो ये परंपरा पुरानी है, जब स्कूल के सीनियर को प्रचार्य का प्रभार दे दिया जाता था।

शिक्षा मंत्री ने सदन में ये भी कहा कि अभी तक की प्रदेश में सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती का ऐलान सदन में किया गया है। विभाग ने 33000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। 1 साल के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी। इसमें 22 हजार से अधिक सिर्फ सहायक शिक्षक होंगे। 19129 सहायक शिक्षक और 3212 सहायक शिक्षा प्रयोगाशाला। दूसरे नंबर पर हैं शिक्षक। शिक्षकों के 6078 पदों पर होगी भर्ती।

बता दें, डीपीआई दिव्या मिश्रा ने 2 फरवरी को स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को स्कूलों के खाली पदों को भरने के लिए प्रस्ताव भेजा था।

बजट सत्र के 10वें दिन सदन में छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई का मुद्दा उठा। विधायक कुंवर निषाद ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि बहुत से युवा हैं जो छत्तीसगढ़ी भाषा की पढ़ाई कर चुके हैं, उन्हें टीचर की जॉब मिलनी चाहिए। इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार तो सरगुजिया, गोंडी तमाम बोलियां में पढ़ाई की तैयारी कर रही है। एमए छत्तीसगढ़ी कर चुके लोगों की भी भर्ती किया जाएगा।

सदन में विधायक हर्षिता स्वामी ने स्कूलों में खरीदारी की गड़बड़ी को लेकर विधायकों की जांच कमेटी बनाने की मांग की। इसके जवाब में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आप शिकायत हमें दे दीजिए, जांच करवा लेंगे।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई का मुद्दा उठा। विधायक कुंवर सिंह निषाद ने ये मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा देश के हर राज्य में अपनी-अपनी बोली के हिसाब से पढ़ाई होती है। बहुत से युवा हैं जो छत्तीसगढ़ी भाषा की पढ़ाई कर चुके हैं, उन्हें टीचर की जॉब मिलनी चाहिए।

स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि कुंवर सिंह निषाद तो सिर्फ छत्तीसगढ़ी की बात कर रहे हैं। हमारी सरकार तो सरगुजिया, गोंडी तमाम बोलियां में पढ़ाई की तैयारी कर रही है। आने वाले समय में हमारी कोशिश है एम ए हिंदी के जो छात्र हैं उनकी संख्या बहुत कम है। उन्हें भी भर्ती में शामिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर इस बीच खड़े हुए और चुटकी ली। उन्होंने कहा कि 24-25 साल की हमारे विधानसभा हो रही है। मेरे ख्याल से अब तक का सबसे लंबा प्रश्न करने का रिकॉर्ड कुंवर सिंह निषाद के नाम है। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कुंवर सिंह निषाद जी का जो सवाल है वह भावनात्मक रूप से अच्छा है लेकिन हम छत्तीसगढ़िया लोगों को आगे बढ़ना चाहते हैं। पूरे देश की शिक्षा के स्तर पर उन्हें लाना है ।

बृजमोहन ने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री बैठे हैं। आत्मानंद स्कूल को छत्तीसगढ़ी आत्मानंद स्कूल क्यों नहीं किया। अंग्रेजी के स्कूल क्यों खोले इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। आखिर जरूरत किस चीज की है। भावना अलग चीज है और छत्तीसगढ़ के बच्चों का भविष्य बनाना उन्हें आगे बढ़ाना राष्ट्रीय स्तर के कंपीटिशन में उन्हें शामिल करना यह अलग चीज है। आपकी भावनाओं से मैं सहमत हूं लेकिन आज के समय में हमें राष्ट्रीय स्तर पर कंपीटिशन में शामिल होना है तो जो इस देश की जरूरत है उसकी शिक्षा देनी जरूरी है।

कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि मैं भावना की बात नहीं कर रहा बोली के सम्मान की बात है। अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी जब तक आठवीं अनुसूची में नहीं जुड़ेगी तो उसे दूसरे प्रदेशों में मान्यता नहीं मिलेगी। हम सब मिलकर उसे आठवीं अनुसूची में जुड़वाने का प्रयास करें।

भूपेश बघेल ने इस पर कहा कि बहुत सारे ऐसे छात्र हैं जो छत्तीसगढ़ी में डिग्री हासिल कर चुके हैं। ऐसे में स्कूलों में उन लोगों को मौका मिलना चाहिए। आप 33000 टीचर्स की भर्ती कर रहे हैं, ठीक है लेकिन छत्तीसगढ़ी में जिन्होंने मास्टर डिग्री हासिल की है उनको भी अवसर मिलना चाहिए।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिन्होंने एमए छत्तीसगढ़ी की है उनकी भी भर्ती की जाएगी।

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