संपादकीय

क्या हैं लोकसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के नियम, जानें सभी

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Lok Sabha Election Noimination Rules: लखनऊ. मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बज गई है। एमपी की 29 सीटों समेत देश की 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव का शंखनाद हो गया है। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान होते ही जिला स्तर पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन की ओर से तमाम चुनाव तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस क्रम में चुनाव आयोग के निर्देश पर निर्वाचन शाखा का निर्माण पहले ही किया जा चुका है।

जिलों के डीएम लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में रहेंगे। उनके स्तर पर ही लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार अपने नामांकन पत्रों को जमा कराएंगे। नामांकन पत्रों को जमा करना लोकसभा चुनाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इसके तहत उम्मीदवार अपने नाम को चुनाव आयोग के समक्ष रजिस्टर करते हैं। वे दावा करते हैं कि लोकसभा चुनाव के मैदान वे जनता का वोट हासिल करने के लिए सही दावेदार हैं। देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद 20 मार्च से नामांकन फॉर्म भरे जाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। देश में पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी। वहीं, 1 जून को आखिरी चरण का मतदान और 4 जून को मतगणना के बाद रिजल्ट का प्रकाशन किया जाएगा।

प्रत्याशियों की ओर से जमा कराए गए तमाम प्रमाण-पत्रों की जांच के बाद चुनाव आयोग उनकी लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी तय करती है। चुनाव आयोग की ओर से प्रत्याशियों को उम्मीदवार के रूप में रजिस्टर्ड घोषित किया जाता है। उम्मीदवारी फाइनल होने के बाद ही प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर कर अपना प्रचार अभियान तेज कर अपने पक्ष में वोट मांग सकते हैं। उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आखिरकार जनता अपनी वोट की ताकत के जरिए करती है। इस प्रक्रिया में नॉमिनेशन को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। आईए जानते हैं नॉमिनेशन की प्रक्रिया किस प्रकार पूरी कराई जाती है:

लोकसभा क्षेत्र में डीएम के स्तर पर होती है चुनाव की घोषणा

लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद जिला स्तर पर चुनाव की घोषणा होगी। चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सह जिलाधिकारी की ओर से चुनाव कार्यक्रम का प्रेस नोट जारी किया जाएगा। अमूमन सभी चरणों के लिए यह प्रक्रिया जिलों में एक साथ पूरी कराई जा सकती है। साथ ही, चुनाव का नामांकन शुरू होने से पहले से भी डीएम की तरफ से इस संबंध में मीडिया के जरिए लोगों को प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी दी जाती है। इसके बाद योग्य उम्मीदवार जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पहुंच कर अपना नामांकन पेपर दाखिल करते हैं।

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क्या है नामांकन प्रक्रिया | What Enrollment Process

लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी लोकसभा सीट के लिए नामांकन कर सकते हैं। इसके लिए उनका वोटर लिस्ट में नाम होना अनिवार्य होता है। जब किसी उम्मीदवार को किसी राजनैतिक पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाया जाता है, तो सामान्य तौर पर इसे पार्टी का टिकट मिलना शब्द से संबोधित किया जाता है। सिंबल के साथ प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल करते हैं। ऐसे में उन्हें चुनाव आयोग की ओर से संबंधित पार्टी सिंबल का आवंटन किया जाता है। इसके अलावा देश का कोई भी नागरिक सांसद बनने के लिए नामांकन कर सकता है।

नामांकन कैसे करें | How to Enroll

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने सात चरणों में चुनावी प्रक्रिया पूरी करने का ऐलान किया है। अलग- अलग लोकसभा सीटों के लिए निर्वाची पदाधिकारी और ऑर्ब्जवर्स की नियुक्ति की गई है। उम्मीदवार जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में पहुंच कर नामांकन फॉर्म जमा कर सकते हैं। नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवारों को जमानत राशि के रूप में निर्धारित रकम भी जमा करानी होती है। चुनाव अधिकारी के मुताबिक उम्मीदवार नामाकंन के दौरान सीमित संख्या में गाड़ी का इस्तेमाल करना होता है। इसके अलावा वाहनों को निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से 100 मीटर पहले खड़ा किया जाता है। नामाकंन के दौरान निर्वाचन अधिकारी की स्वीकृति के बिना कोई उम्मीदवार ढोल-नगाड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

शपथ पत्र देना होता अनिवार्य | Mandatory to Give an Affidavit

उम्मीदवार को नामांकन पेपर के साथ शपथ-पत्र भी देना होता है। नोटरी के स्तर पर इस शपथ पत्र को तैयार कराया जाता है। इसमें प्रत्याशी अपनी आय- व्यय के ब्यौरा से लेकर पूरी जानकारी भरता है। लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनने से पहले नामांकन पत्र भरना होता है। जरूरी कागजों में प्रत्याशी को अपने पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी जैसे कागजों की जरूरत होती है। विधायक बनने से पहले नामांकन पत्र में अपनी चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा, पत्नी और आश्रित बच्चों की भी आय- व्यय एवं लोन की पूरी जानकारी देनी पड़ती है। इसके अलावा उम्मीदवारों के कितने हथियार हैं, कितने जेवर हैं और शैक्षणिक जानकारी भी देनी होती है। आय के साधन को भी यहां अंकित करना होता है। इसके अलावा प्रत्याशी पर कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं? कितने मामले कोर्ट में चल रहे हैं? क्या किसी मामले में सजा हुई है? इन सभी का विवरण एफिडेविट के माध्यम से सही- सही देना होता है।

स्क्रूटनी और नाम वापसी की प्रक्रिया अहम | Scrutiny & Withdrawal Nomination Process

नामांकन फॉर्म भरने के बाद भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नामांकन फॉर्म की जांच और नाम वापसी जैसी प्रक्रियाओं को पूरा कराया जाता है। लोकसभा चुनाव 2024 के उम्मीदवारों को चुनाव आयोग ने साफ किया है कि अपने नामांकन पत्र को भरते समय उम्मीदवार पूरी सावधानी बरतें और नामांकन पत्र का कोई भी कॉलम खाली न छोड़ें। ऐसा करने वालों पर नामांकन पत्र अवैध माना जाएगा। ऐसे नामांकन फॉर्म खारिज कर दिए जाएंगे।

आयोग की ओर से कहा गया है कि राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अपने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग आफिसर को इस संबंध में निर्देश जारी करें। प्रत्याशियों की ओर से दाखिल किए जाने वाले नामांकन पत्र और उसके साथ संलग्न किए जाने वाले शपथ पत्र की बारीकी से जांच की जाए। सूचना के अधिकार कानून के अनुच्छेद- 33ए का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उम्मीदवार को नामांकन पत्र में केस के संबंध में स्पष्ट उल्लेख करना होगा। बताना होगा कि वह किसी आपराधिक मामले में दो साल या इससे अधिक की सजा पा चुका है या फिर उसे किसी मामले में एक साल या इससे अधिक की सजा मिल चुकी है?

नामांकन करने और स्क्रूटनी में सही पाए जाने वाले उम्मीदवारों को अपना नाम वापस लेने की सुविधा होगी। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से इसके लिए समय सीम का निर्धारण किया गया। उस समय अवधि में प्रत्याशी अपनी मर्जी से नाम वापस ले सकता है। इसके लिए एक एफिडेविट पर घोषणा पत्र देना होता है। इसमें नाम वापसी करने की डिटेल लिखी होती है। वेरिफाई करने के बाद प्रत्याशी का नाम वापस कर दिया जाता है।

कौन कर सकता है नामांकन | Who can Nominate

  • भारत का कोई भी नागरिक लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार हो सकता है। इसके लिए नामांकन फॉर्म दाखिल कर सकता है।
    भारतीय संविधान के सिद्धांत के अनुसार निर्धारित प्रपत्र के अनुसार भारत के चुनाव आयोग के समक्ष शपथ या घोषणा करनी होगी कि वह देश का स्थायी निवासी है।
  • उम्मीदवारी के लिए न्यूनतम आयु सीमा 25 वर्ष रखी गई है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 36(2) और संविधान के अनुच्छेद 173(बी) के तहत इसका निर्धारण किया गया
  • उम्मीदवारी के लिए अपराधी घोषित नहीं होना चाहिए। मतलब, किसी भी कोर्ट से दोषी, सत्यापित देनदार या कानूनी रूप से अयोग्य नहीं होना चाहिए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के तहत कोर्ट से 2 या 2 साल से अधिक की सजा प्राप्त दोषियों को चुनाव लड़ने पर रोक है।
  • देश के किसी भी क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम रहना चाहिए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 5(सी) में इस संबंध में प्रावधान किया गया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 4(डी)के तहत वोटर लिस्ट में नाम न रहने की स्थिति पर नामांकन करने और चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है।
  • लोकसभा का नामांकन करने और चुनाव लड़ने की आजादी देश में कहीं भी है। अगर कोई यूपी का रजिस्टर्ड मतदाता हैं तो वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 4(सी), 4(सी सी) और 4(सी सी सी) के तहत असम, लक्षद्वीप एवं सिक्किम को छोड़कर देश में किसी भी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकता है।
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार किसी भी उम्मीदवार को नामांकन के लिए 25 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी। वहीं, अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों को 12,500 रुपये जमानत राशि के रूप में जमा करना होगा।
  • मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार को प्रस्तावक के रूप में एक स्थानीय वोटर की आवश्यकता होती है। गैर राजनीतिक दल के उम्मीदवार को 10 प्रस्तावकों को लाना होता है।
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 33(7) के अनुसार एक व्यक्ति दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ सकता है।

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लोकेश्वर सिंह ठाकुर (प्रधान संपादक) मोबाइल- 9893291742 ईमेल- anantcgtimes@gmail.com वार्ड नंबर-5, राजपूत मोहल्ला, ननकटठी, जिला-दुर्ग

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